नमक कैसे बनाया जाता है?यहाँ से जाने पूरी जानकारी (How salt is made? Know complete information from here)

नमक कैसे बनाया जाता है?How salt is make?
सन 1941 में जब भारत को आजादी मिली सब हमारे भारत देश में नमक उतनी मात्रा में नहीं बनाई जाती थी। उस वक्त भारत सरकार भारत के देशों से नमक इंपोर्ट करती थी लेकिन आज की तारीख में भारत किस शार्ट इंडस्ट्री तेजी से नमक का उत्पादन कर रही है। सन 1947 में भारत में बस 1 पॉइंट 9 मीटर नमक का उत्पादन होता था। लेकिन आज भारत की उत्पादन क्षमता 10 गुना से भी ज्यादा बढ़ गई है। आज के वक्त भारत में 11799 शॉट मैन्युफैक्चर है जो करीब 600000 एकड़ में नमक (salt) उत्पाद करती है। गुजरात महाराष्ट्र राजस्थान तमिलनाडु आंध्रप्रदेश ऐसी आदि कई राज्य है जहां आज तक की तारीख में नमक का उत्पादन किया जा रहा है इनमें सबसे ज्यादा नमक गुजरात में पैदा होता है पूरे भारत का 75 परसेंट नमक गुजरात तैयार करता है।
गुजरात में run of Kutch:
गुजरात के इस इलाके को रन ऑफ कच्छ कहा जाता है जहां पर नमक की पैदावार की जाती है यहां पर पहुंचने पर आपको सिर्फ और सिर्फ सफेद नमक (white salt) दिखाई देगा दिखने में बेहद खूबसूरत है यहां पर कई बार फिल्मों की शूटिंग भी हो चुकी है चलिए आपको बताते हैं भारत के इन इलाकों में नमक का उत्पादन किस तरह से होता है।
भारत में ज्यादातर नमक उत्पादन सोलर सेल प्रोडक्ट किया जाता है बनाने का तरीका बहुत पुराना है इस तरीके में सबसे पहला समुद्र के आस-पास बड़े-बड़े तलाव बनाए जाते हैं वैसे आप ही ने तालाब नहीं संबंधित क्षेत्र का सकते हैं। इन तालाबों में ढेर सारी तैयारियां बनाई जाती है यानी कि उसमें ढेर सारे खर्चे बनाए जाते हैं इस बात का ध्यान रखा जाता है
Run of kuctch का दूसरा-
कि तालाब की मिट्टी बिलकुल सख्त हो फिर इन तालाबों को साधारण पानी छोड़ा जाता है पानी छोड़ने के बाद इन तालाबों में मेरे बनाए जाते हैं इसके बाद तालाब की मिट्टी को समतल किया जाता है। इसको समतल करने के बाद इसमें रेत डाली जाती है उसके बाद समुद्र के पानी को इन तालाबों तक पहुंचाने के लिए बहुत सारी शार्ट प्रोडक्शन कंपनी समुद्र तटों के करीब बोरवेल से पानी से खींचने का काम करती है। इसके बाद इन पानी को इन तालाबों में छोड़ा जाता समुद्र का एक हरा पानी तालाब की सबसे पहले खाते में पहुंचता है
इस पानी को यहां पर 6 से 7 दिनों तक रखा जाता है 6 से 7 दिन बाद सूर्य की तेज गर्मी के वजह से उसका पानी भाप बनकर उड़ जाता है। फिर बचे हुए पानी को तालाब के दूसरे खाते में डाला जाता है इस पानी को फिर से 6 से 7 दिनों तक रखा जाता है इसके बाद क्या हुआ खारा पानी तीसरे खाने में पहुंचता है।
.अन्तिम step :-
तीसरे खाचे में नमक बनना शुरू होता है जब समुद्र का पानी पूरी तरह से भाप बनकर उड़ जाता है तब नीचे रह जाती है रेट मिट्टी और कैल्शियम का एक परत जिसे हम कहते हैं। नमक लेकिन अभी भी नमक बनकर तैयार नहीं हुआ इसके बाद मजदूर बड़े बड़े भाई फंसे इसे खट्टा करके अपना काम करते हैं अब बारी आती है इस नंबर को साफ करने की नमक के ढेर को दूसरे तालाब में रखा जाता है। वहां पर इसके अच्छे तरीके से सफाई होती हैइसलिए इस तरह से नमक बनाने में किसानों को पूरे 40 दिनों का वक्त लग जाता है नमक जब पूरी तरह से तैयार हो जाता है। तब इन्हें कुछ दिनों के लिए जमा करके रखा जाता है बारिश के मौसम में बचाने के लिए नमक के ढेर को ऊपर पान की पत्तियां बिछाई जाती है।
step 2.
उसके बाद इस नंबर को पैक करके मार्केट में सप्लाई कर दी जाए जाती है। 1 एकड़ में करीब 1000 बोरी का प्रोडक्शन होता है लेकिन 1000 बोरी नमक तब बनता है जब मौसम अनुकूल हो अगर बारिश ना हो तो 1000 बोरी नमक (salt) पैदा हो सकता है इनमें से कुछ शुद्ध नमक बनता है जिसमें खाने का इस्तेमाल किया जाता है। इनमें कुछ अशुद्ध नमक नींबू की खेती के लिए इस्तेमाल किया जाता है आज की तारीख में नींबू की खेती भी बहुत तेजी से की जा रही है। इसी वजह से अशोक नमक (salt) के डिमांड में तेजी आई है हमारे देश में लगभग हर साल 30 मिलियन का नमक उत्पादन होता है। पूरी दुनिया में नमक एक्सपोर्ट करने वाला भारत 3rdनंबर पर आता है।
1.USA
2.CHINA
3.INDIA
अगर भारत में 30% की कटौती हो गई याद रखिए भारत 55 देशों को नमक निर्यात करता है ऐसी स्थिति में बहुत बड़ी समस्या उत्पन्न हो जाएगी क्योंकि आप यह सोचते हैं कि नमक का इस्तेमाल सिर्फ खाने में किया जाता है तो यह गलत है नमक का इस्तेमाल जैसा हमने बताया अशुद नमक होता है तो उत्पादन के दौरान निकलता है जो जिनके खेती के लिए इस्तेमाल होता है
उसी प्रकार जो शुद्ध नमक(salt) होता है उसका इस्तेमाल:-
1.ग्लास इंडस्ट्री:– यानी कि कांच बनाने की कंपनियों में भी होता है
2. पॉलिस्ट इंडस्ट्री: इंडस्ट्री में जो पॉलिस्टर होता है उसको बनाने के लिए भी नमक इस्तेमाल होता है।
3. प्लास्टिक इंडस्ट्री: प्लास्टिक इंडस्ट्री में भी नमक का इस्तेमाल किया जाता है।
4. केमिकल इंडस्ट्री: केमिकल इंडस्ट्री और बहुत सारी इंडस्ट्री में भी नमक का इस्तेमाल किया जाता है इसलिए नंबर अगर नमक नहीं मिला तो माल का प्रोडक्शन रुक सकता है।
वहीं अगर बात करें भारत नमक के किसानों की ओल्ड फार्मर कहा जाता है
उनकी स्थिति पहले भी खराब थे और आज की तारीख में भी खराब है।
* Salt फार्मर की कहानी मेरी जुबानी:
=भारत सरकार ने बहुत कोशिश की लेकिन असलियत में यह है
कि भारत के शार्ट फार्मर को रन ऑफ कच्छ गुजरात की वह जगह जहां से 90% नमक मिलता है।
उस जगह में एक किसान होते हैं।
जो काम करते हैं वहां ऊपर से सूर्य की गर्मी उन्हें मारती और जमीन से नीचे से नमक की गर्मी सफेदी के चकाचक इतनी होती है।
जब बॉलीवुड फिल्मों के गाने रहते हैं तो खूबसूरत लगती है लेकिन वहां रह कर देखिए
हवाओं का तापमान 100⁰F,110⁰F से ऊपर पहुंच जाता है और उससे स्थिति में यह लोग काम करते हैं।
मजबूरी:-
नमक के किसान जब नमक पर चलते हैं तो नमक इतना तेज होता है।कि उनके पैर गलने लगते हैं।
उनके पैरों में छाले पड़ने लगते हैं और सही से चल भी नहीं पाते यह मजबूर हैं,ये काम करने के लिए
क्योंकि इनके पास कोई और काम है ही नहीं रन से इन्हें कुछ मिला है तो यह मिला है
1 टन नमक = $4 मान के चलिए ₹320 1 टन से उत्पादन करते हैं
तो ₹320 मिलते हैं और सारा मुनाफा सभी बड़ी-बड़ी एक नमक की कंपनियां खा जाती है।
किसानो की स्थिती:
यहां के वर्करों को इतनी बुरी स्थिति में धूप के नीचे काम करना पड़ता है
कई बार स्किन डिजीज का सामना करना पड़ता है।
इनकी जिंदगी बहुत कम होती है ऐसी स्थिति में इन्हें पैसे बहुत कम मिलते हैं
सारा मुनाफा जो इन्वेस्टमेंट किया होता है
, वह लेकर चले जाते हैं इनके पास इतने पैसे नहीं होते कि वह अपना नमक बनाकर अपनी कंपनी से भेज सकें यह सिर्फ रोज कमाने वाले दाढ़ी मजदूर की तरह काम करते हैं।
यह बहुत ही खतरनाक Environment में रहते हैं इनकी काली सच्चाई यह है। बहुत ही बदतर जिंदगी होती है यह नमक के किसान हम कह सकते हैं हम इनका नमक हैं इनके नमक का जो हक है इन्हें हम अदा कभी नहीं कर सकते जो हम पैसे देते हैं वह कंपनी को देते हैं ना कि किसान को।telegram
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