Electric train क्या है? यहाँ से जाने पूरी जानकारी-(What is Electric Train? Get complete information from here-)

ELECTRIC TRAIN को हम अनोखा कैसे कह सकते है?
यह जानकर हैरानी हो सकती है कि इलेक्ट्रिक ट्रेंस में ओवरहेड लाइन से इकट्ठा की हुई पावर पहिए के माध्यम से फ्लो होने के बाद पटरी की ग्राउंडिंग केबल में पहुंचती है तीन फेस वाला पावर कन्वर्जन रीजेनरेटिव ब्रेकिंग और ज़िक्जाक ओवरहेड लाइन यह सभी इलेक्ट्रिक ट्रेन के तकनीक को काफी अनोखा बनाते हैं आइए सबसे सिंपल पॉसिबल डिजाइन से शुरू होने वाली इलेक्ट्रिक ट्रेन के पीछे के सभी इंजीनियरिंग रहस्य कुछ समझते हैं Electric train का सबसे सिंपल वर्जन यहां दिखाया गया है यहां एक सिंगल स्लाइडिंग वायर ओवरहेड लाइन से इलेक्ट्रिक पावर इकट्ठा करती है यह पावर सिंगल फेज इंडक्शन मोटर को दी जाती है इंडक्शन मोटर कार ऑर्डर विल से जुड़ा होता है।
सर्किट को पूरा करने के लिए इंडक्शन मोटर का दूसरा टर्मिनल जमीन से संपर्क में होता है जमीन से यह संपर्क इसलिए पॉसिबल है क्योंकि वायर को पहले विल से एक्सेल ब्रश के जरिए जोड़ा जाता है व्हील हमेशा पटरी के संपर्क में रहता है और पटरी इस तरह जमीन से संपर्क में रहती है जैसा कि दिखाया गया है आप देख सकते हैं कि वह चल से जमीन पर करंट कैसे पास होता है यह पहले इंडक्शन मोटर फिर एक्सेल ब्रशस फिर पहिया और अंत में पटरी और जमीन से होकर गुजरता है जब तक पास होता है तो इंडक्शन मोटर का रूट परियों के साथ घूमता है हालांकि एक घूमने वाला पहिया आगे बढ़ेगा जिसका मतलब है कि अगला ग्राउंडिंग सर्किट पिछले 1 से बहुत कम दूरी पर होना चाहिए।
इसमें एक्सब्रज क्या है?
अब कुछ एक्सब्रज के डिटेल्स देखते हैं एक्सेस को घूमने वाले पहिए में फिट किया जाता है और इन कार्बन ब्रशस के माध्यम से पहियों में करंट को ट्रांसफर किया जाता है जो बिल अक्सर से जुड़ी डेस्क पर सोते हैं फिर से यह एक Electric train का सबसे सरल वर्जन है आइए अब इस डिजाइन में सुधार करें और अपनी ट्रेन को और ज्यादा फंक्शनल बनाएं ओवरहेड लाइन में इस्तेमाल किया जाने वाला वोल्टेज 25 किलो वोल्ट है जो एक बहुत बड़ा वोल्टेज है मोटर को चलाने के लिए बहुत कम वोल्टेज की आवश्यकता होती है इस कारण से हमें इसे स्टेप डाउन ट्रांसफार्मर में फिट करने की आवश्यकता होती है जो वोल्टेज को बदल देता है।
पावर सप्लाई शुरू में ट्रांसफार्मर के प्राइमरी से गुजरती है और यहां ग्राउंडिंग के कारण सर्किट पूरा हो गया है ट्रांसफार्मर के कारण सेकेंडरी वाइंडिंग में करंट न्यूज़ होगा और कम वोल्टेज पावर मोटर को पीट किया जाएगा इनकी तरह के लिए मोटर को एक हाईटेक का सप्लाई करना चाहिए इसके अलावा टॉर्च यूनिफॉर्म होना चाहिए भले ही मोटर की स्पीड भी न हो 3 फेज इंडक्शन मोटर एक समान आवश्यकता ओं को प्राप्त करने के लिए सही विकल्प है इस मोटर को पावर देने के लिए 3 से स्वर को खींचना एक अच्छा विचार नहीं है क्योंकि यह बहुत ही इकोनॉमिकल है इसलिए सिंगल सप्लाई को थ्री फेज सप्लाई में बदलने के लिए और इनवर्टर का इस्तेमाल किया जाता है एक रेक्टिफायर सिंगल फेज एसी पावर को डीसी पावर में परिवर्तित करता है और फिर डीसी पावर को 3 ac पावर अमित परिवर्तित करता है।
Electric train चलने के बाद की बनाबट?
अब यह इंजन पटरी के ऊपर चलने के लिए तैयार है,
अगर हम मोटर शाफ्ट और व्हील एक्सेल के बीच कुछ गियर रेशों के साथ एक ट्रांसमिशन सिस्टम जोड़ते हैं।
तो हम तो आउटपुट को और बढ़ा सकते हैं।
इस पॉइंट पर हमने जो इंजन बनाया है वह एकदम सही लगता है।
अगर हम इस एंजिन से कई कोशिश को जोड़कर एक पूरी ट्रेन बनाते हैं तो यह बिल्कुल स्पष्ट हो जाएगा।
कि हमने जो सिंगल मोटर इंजन विकसित किया है
उसमें इन सभी कोशिश को खींचने के लिए सब कुछ पावर नहीं है
तो आइए एंजिन को और अधिक शक्तिशाली बनाने के लिए और अधिक मोटर बिल पर चढ़ते हैं एक एंजिन बोगी का कंस्ट्रक्शन थ्री फेज इंडक्शन मोटर के साथ किया गया है जाहिर है 3 जोड़ी पहियों को चलाने के लिए एक इंजन में आमतौर पर ऐसे दो एंजिन बॉर्गीज का इस्तेमाल किया जाता है इस पूरे दिन में आप देख सकते हैं कि ट्रांसफार्मर और रेक्टिफायर कैसे पेशेंट है।
अब तक इस पोस्ट में दिखाया कि कैसे हम सिंगल हैंगिंग वायर का इस्तेमाल करके ट्रेन में पावर ट्रांसफर करते हैं हालांकि यह तरीका प्रैक्टिकल नहीं है कभी-कभी ट्रेन और ओवरहेड लाइन के बीच की दूरी को सामान रखना संभव नहीं होता है।जिसका मतलब है कि उचित पावर कलेक्शन के लिए एक हाइट वेयरिंग मैकेनिज्म का इस्तेमाल किया जाना चाहिए पैंटोग्राफ इस कार्य को पूरा करते हैं एक आधुनिक पैंटोग्राफ इस तरह दिखता है।
ये TRAIN कलेक्टर हमेशा होरिजेंटल क्यों रहता है?
आप देख सकते हैं कि एक न्यूमेटिक सिस्टम के दबाव के आधार पर पैंटोग्राफ अपनी ऊंचाई को एडजस्ट करे।
अगर आप ध्यान से देखें तो आप देख सकते हैं इस ऊंचाई के एडजस्टमेंट के दौरान करंट कलेक्टर हॉरिजॉन्टल होता है करंट कलेक्टर को पूरी तरह से हॉरिजॉन्टल होना चाहिए अन्यथा पावर ट्रांसमिशन में डबल होगा हमें उम्मीद है कि इससे आप समझ सकते हैं कि करंट कलेक्टर हमेशा होरिजेंटल क्यों रहता है। आपको कार्य करते हुए देखते हैं। अगर किसी कारण से पैंटोग्राफ वायर से अपना कनेक्शन को देता है तो ट्रेन अपने उच्च मोमेंटम के कारण कुछ किलोमीटर के लिए अपना फ्री रन जारी रखेगी क्या आपने कभी सोचा है कि ओवरहेड लाइन जिगजाग तरीके से क्यों खींचती है यह अरेंजमेंट यह सुनिश्चित करती है कि पैंटोग्राफ कलेक्टर के पॉइंट पर ओवरहेड वायर को नहीं छूता है इस व्यवस्था के कारण कम से कम होती है।
हम इंडक्शन मोटर सप्लाई की फ्रीक्वेंसी को बदलकर स्पीड को नियंत्रित कर सकते हैं और एक इनवर्टर द्वारा पूरा किया जाता है ड्राइवर को बदलने के लिए लीवर को एक अलग नाच पर सेट करता है और इसलिए मोटर की स्पीड उसी के अनुसार होती है एक्शन के बाद के लिए सबसे महत्वपूर्ण पहलू रुकना है यह कैसे पूरा किया जाता है क्या हमें इंडक्शन मोटर्स को बंद कर देना चाहिए अगर ऐसा है तो ट्रेन कई किलोमीटर तक पटरी पर चलती रहेगी जब तक कि वो रुक ना जाए।
Electric train में ब्रेक का प्रकार?
जब तक कि वो रुक ना जाए एक और विचार यह है कि हम इलेक्ट्रिकल ब्रेकिंग लगा सकते हैं एक साधारण इंडक्शन मोटर में रोटर की स्पीड RMS की स्पीड से कम होती है हालांकि सप्लाई फ्रीक्वेंसी को कम करके हम इस कंडीशन को उल्टा कर सकते हैं दिलचस्प बात यह है कि जब RMS की स्पीड रोटर की स्पीड से कम होती है रोटर बारिश में इंड्यूस्ड करंट की दिशा रिवर्स हो जाती है यह रोटर परसेंट दिशा में इंड्यूस्ड टॉर्च को अंजाम देता है यह एक परफेक्ट ब्रेक है बिना मेटल टू मेटल के संपर्क वाला ब्रेक स्पेस के दौरान मोटर्स writing-mode पर चलती है हालांकि यह ब्रेकिंग मेथड अपनी पटरी पर ट्रेन को पूरी तरह से नहीं रोक सकती है।
क्योंकि रीजेनरेटिव ब्रेकिंग कम स्पीड पर काम नहीं करती है यानी यह ट्रेन को धीमा कर सकती है लेकिन इसके बाद आपको ट्रेन को पूरी तरह से रोकने के लिए न्यूमेटिक ब्रेक लगाने होंगे यह एक अलग तरह का मैकेनिकल ब्रेक है यहां स्प्रिंग का फोर्स और कंप्रेस्ड एयर फोर्स इस दिशा में काम कर रहे हैं दिलचस्प बात यह है कि जब ड्राइवर सिलेंडर से हवा छोड़ता है तो खींची हुई स्प्रिंगफेस्ट को पहिए की ओर खींचती है और ब्रेक लग जाती है यह ब्रेक सिस्टम हवा के लिए या टूटे हुए कंप्रेसर को सुरक्षा प्रदान करता है प्रेस रिलीज होते ही ब्रेक अपने आप लग जाती है हर एक व्हील पर के लिए हर एक कोच के नीचे न्यूमेटिक ब्रेकिंग सिस्टम लगाया गया है अब देखते हैं।telegram
प्रत्येक कोच को पावर सप्लाई कैसे की जाती है?(Electric train)
प्रत्येक कोच की यूटिलिटीज के लिए पावर अप्लाई करने का एक तरीका जेनरेशन है
कुछ प्रेम के नीचे एक अल्टरनेटर लगाया जाता है।और यह कार्ड सॉफ्ट द्वारा संचालित होता है।
जो एक्सेल पर लगे गेर बॉक्स द्वारा संचालित होता है।
आउटपुट को सुधारा जाता है और 110 वोल्ट डीसी बैटरी चार्ज होती है
जिससे कोशिश को पावर की सप्लाई होती है।
लेकिन सिर्फ जेनरेटिंग मेथड का रेशम नहीं है क्योंकि यह बहुत चैटिंग आउटपुट पावर का उत्पादन करती है।
इसलिए कोशिश को पावर सप्लाई करने का सबसे आसान तरीका है।
हेड ऑन जनरेशन इस मेथड में लोकोमोटिव ट्रांसफार्मर में एक अतिरिक्त वाइंडिंग जोड़ी जाती है।
जो सभी को जिसको पावर सप्लाई करती है के लिए धन्यवाद फिर मिलते हैं।
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