Internet क्या है?कैसे काम करता है?यहाँ से जाने पूरी जानकारी? (What is Internet? How does it work? Get complete information from here?)

Internet क्या है?कैसे काम करता है?(What is Internet? How does it work?)Get complete information from here?)

=यह जानते हैं कि इंडिया को मिलाकर पूरा देश भारत से कनेक्टेड है लेकिन कभी आपने यह नहीं सोचा होगा कि इंटरनेट काम कैसे करता है आपको लगता होगा सेटेलाइट से चलता होगा आपको लगता होगा यह नेटवर्क बिछा कर के रखा है दुनिया में वहां से चलता है लेकिन आपको शायद यह नहीं पता होगा 99 परसेंट इंटरनेट जो है वह चलता है ऑप्टिक फाइबर केबल से अब आप बोलोगे मैं तो मोबाइल से चलाता हूं मोबाइल में तो क्या केवल लगी हुई है देखो जो भी टावर से आपको नेटवर्क आता है वह टावर से लेकर पूरी नेटवर्क बिछी हुई है जहां तक आपको जाना है आइए हम आपको बिल्कुल आसान तरीके से इंटरनेट के बारे में बताता हूं 
हमारे पास इंटरनेट आने के लिए क्या-क्या प्रोसेस है?

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=हमारे पास इंटरनेट आते-आते तीन अलग-अलग कंपनियों से गुजारना पड़ता है पहला होता है

tr1 कंपनी यह वह कंपनी होती है जो पूरी दुनिया मैं अपने केबल्स बिछा कर रखी है

देखिए इंटरनेट जो होता है वह बिल्कुल फ्री होता है

फिर कैसे होता है आप अगर आप अपने घर में आपका ऑफिस 2 किलोमीटर दूर है

आपके घर से तब आपके घर से आपके ऑफिस तक एक लाइन बिछा दो उस लाइन के थ्रू

आपके दोनों कंप्यूटर कनेक्ट कर दो और बोल दो इंटरनेट है

तो आपका जो पैसा लगा जो सिर्फ उस वायर का और बाहर का मेंटेनेंस का इसी तरह”


Tr1 कंपनी


=जो होती है पूरे वर्ल्ड में सारी कंट्रीज के बीच में सारे समुंदर के अंदर से उन्होंने ऑप्टिक फाइबर केबल बिछा दिए अब सारे एक तरह से कनेक्ट हो जाए । कंट्री टू कंट्री अब कंट्री से आपको स्टेट में डिवाइड करना है स्टेट से आपको सिटी में बांटना है और आपके शहर उससे आप तक उसको पहुंचाना है आपके लोकल एरिया तक।


Tr2 कंपनी

=Tr2 कंपनी जो कहती है कि tr1 कंपनी को कि आपने तो केवल बिछा दिया अब हम हर स्टेट हर घर में इसको डिवाइड करेंगे और जो भी तार का मेंटेनेंस चार्ज के हिसाब से 1GB के हिसाब से tr1 कंपनी को पैसे दे देती है ताकि वह जो भी मेंटेनेंस है वह कर सके इस प्रकार वह tr2 कंपनी को डाटा मिलता है।


Tr3 कंपनी

=Tr3 कंपनी को कितना कीमत tr1 को देती है उससे ज्यादा ट्याटु कंपनी tr3 हो गया लोकल एरिया से लेकर हम तक पहुंचाती है इस प्रकार से हमें इंटरनेट की सुविधा मिल पाती है इंडिया की बात करें इसके ट्रैफिक पॉइंट है इंटरनेट का वह मुंबई से आता है इसी प्रकार कोच इन इंडिया और भी कई जगह सितारे कनेक्टेड है।


Note:


=अगर जिओ की बात करें तो खुद का ऑप्टिक फाइबर तारे बिछी हुई है और इसका 4G कनेक्शन आई हुई है इसी तरह बांटा गया है एशिया यूरोप अफ्रीका के बीच में तारे बिछी हुई है इसके पास 4013 वाइट्स की कैपेसिटी मिल गई है इसलिए रिलायंस जिओ आपको फ्री में इंटरनेट दे देता है क्योंकि एक बार का उसका इन्वेस्टमेंट हो चुका है अगर आप एशिया अफ्रीका यूरोप में आप जाते हो इसका ट्रैफिक लेकर विजिट करते हो कंट्री से ऑटोमेटिक ली वह उनकी केवल से निकाल देते हैं जिसमें उनका कोई पैसा नहीं लगता है।


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=अब देखो tr1 कंपनी ने यह तो तारे बिछा दिया इनका कोई पैसा नहीं लगता एक दूसरे से पूरा संसार जोड़ दिया है जिससे एक इंटरनेट की शुरुआत हो गई इतने सारे केवल बीच गई अब होता क्या है कि यह जो केवल है टूटती है उठती है यह 25 साल से ज्यादा नहीं रहती है मान लो किसी सार्क ने इसको खा लिया कुछ हो गया टूट गई तो उसके लिए बैकअप चाहिए बैकअप के लिए बहुत सारी केवल्स बिछा कर रखते हैं और यह मेंटेनेंस भी करते हैं इनके पास कोई पैसा नहीं लगता इंटरनेट बिल्कुल फ्री है इसको कनेक्ट करने का पैसा लगता है।


व्हाट इस इंटरनेट? यह कैसे काम करता है?) यहां से पूरी जानकारी प्राप्त करें?

=मान लो आप ने सर्च किया google.com तो गूगल का सर्वर बाहर में तो नहीं है बाहर तो ट्रैफिक यहां के थ्रू निकल जाएगा बाहर तक लेकिन भारत में मैं आप यूज करते हैं तो Flipkart.com, amazon.com तो बोलते यह है कि अगर आपके इंडियन ऑडियंस है और आप वेबसाइट बना रहे हो तो आप इंडिया का सरवर लो ताकि यह समरीन केवल से इतना लंबा घूमना ना पड़े भारत को भारत में ही हम पूरी ट्रैफिक घुमा दे और आपको जल्दी से कनेक्टिविटी मिल जाए अगर आप भारत टू भारत किसी सर्वर को कनेक्ट करते हैं

तो फ्लिपकार्ट वजन को तो इन सब ने इंडिया के बेंगलुरु में सर्वर बैठा कर रखे हैं फिजिकली जिस भी शहर से होगा बेंगलुरु वाले सर्वर से कनेक्ट हो जाएगा तो यह समरीन तक आपका डाटा गया ही नहीं अगर आप रॉक्सी का प्रयोग करेंगे तो प्रॉक्सी लेकर जाएगा पहले से वापस लाएगी इंडिया इसलिए बोलते हैं प्रॉक्सी में स्पीड कम हो जाती है।


इंडिया में एक NIXI बनाया आइए जानते हैं इसके बारे में?


=इसे भारत का पहला और एकलौती इंटरनेट एक्सचेंज का आ गया है (India first and only neutral internet exchange) क्या कहा जाता है इसमें क्या है जो भारत के सर्वर है भारत के भारत में जितने ऑपरेटर हैं जितने isp(internet service provider) उन सब को मिलाकर एक चीज बना दी Nixi करके। अब इसमें होगा यह की इंडिया को इंडिया में ट्रैफिक घुमाना है क्यों हम भारत के सर्वर को बाहर ले जाएं भारत को भारत में ही रखेंगे तो हमारी सिक्योरिटी बढ़ जाएगी प्राइवेसी बढ़ जाएगी।

Example:

आधार कार्ड का डिटेल्स ले लो अगर आप आधार कार्ड का डाटा इंडिया के बाहर के सरवन में रखोगे तो ये automaticly Samreen cables से जाएगा। जो बाहर के कंट्रीज के ऑपरेटर के लोगों को भी पता चल जाएगा कि ट्रैफिक क्या जा रहा है इसी आधार बगैरा कई चीजों को गुप्त रखने के लिए भारत के भारत में सर्वर बनाते हैं। इंडिया के हम लोगों ने छोटे-छोटे जितने भी Isp यूजर है tr1 और tr2 इन सब को जोड़कर एक nixi करके चीज बना दी इंडिया के इंडिया में कुछ भी विजिट करना चाहोगे। उसको घुमा करके केवल के अंदर पहुंचा देंगे इसके थ्रू एक बात आपके भारत का जो ट्रैफिक है 80 से 90 परसेंट वह मुंबई से होकर ही जाती है। What is Internet? How does it work?)Get complete information from here?


इंटरनेट का मालिक कौन है?


=हम जानते हैं कि इंटरनेट जो कि एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में डाटा ट्रांसफर करती है जिसे हम इंटरनेट का नाम देते हैं इसी प्रकार सबसे पहली बार साल 1960 में अप्पर नेट के द्वारा चार अलग-अलग कंप्यूटर को आपस में कनेक्ट किया गया था और उसे दुनिया का पहला इंटरनेट माना गया है और जैसे-जैसे दूसरी एजेंसी भी इससे टीम के साथ जुड़ती गई पूरे ही यूएसए में इंटरनेट का विस्तार भी बढ़ता गया तो इस आधार पर आप यह कह सकते हैं इंटरनेट का कोई भी एक इंसान या फिर ऑर्गेनाइजेशन मालिक नहीं है।   UP Board News


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